उत्तर : नहीं वो बन्दर नहीं थे , वो वानर थे | वन में रहने वाले नर को वानर कहते हैं | ये एक प्रजाति है | वो चारों वेदों से पंडित थे | और संस्कृत का उच्चारण बहुत शुद्ध था | जब राम और लक्ष्मण पहली बार उनसे मिले थे तब उनकी संस्कृत के उच्चारण और वेदों के उच्च ज्ञान का वर्णन आता हैं |
कोई बन्दर ना तो संस्कृत बोल सकता है और ना ही उसके मुख की बनावट इस तरह की होती है की वो संस्कृत बोल सके |
उनकी विद्वत्ता और ज्ञान के कारण समाज में उनकी बहुत पूंछ थी | जिसे अज्ञानी लोगों ने सचमुच की पूंछ कहना शुरू कर दिया |
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