उत्तर :
1. जो ग्रन्थ वेद विरुद्ध है और अविज्ञानिक ( Non Scientific ) है वो मिलावटी है
2. ग्रन्थ में जो विषय चल रहा हो उसमे अचानक दुसरे अप्रासंगिक विषय का आ जाना ये दर्शाता है की ये अप्रासंगिक विषय बीच में घुसाए गए हैं | जैसे अगर शाकाहार के लाभ बताये जा रहे हैं और बीच में मांसाहार के फायदे की बात अगर चल पड़े और फिर वापस शाकाहार के लाभ आ जाएँ तो मतलब वो मिलावट है
4. जो घटना या कार्य कारण सहित ना बतायी गयी हो उसे मिलावट समझें |
5. माया / जादू /अव्यवहारिक / अप्राकृतिक बातों को मिलावट समझे | जैसे - जो पात्र अगर 9 लाख साल पुरानी रामायण में है और 5100 साल पुरानी महाभारत में भी आ जाएँ तो ये अव्यवहारिक बात है | सूर्य को मुहं में ले लेना, पसीने से संतान का पैदा होना ये अव्यवहारिक और अप्राकृतिक ही हैं |
1. जो ग्रन्थ वेद विरुद्ध है और अविज्ञानिक ( Non Scientific ) है वो मिलावटी है
2. ग्रन्थ में जो विषय चल रहा हो उसमे अचानक दुसरे अप्रासंगिक विषय का आ जाना ये दर्शाता है की ये अप्रासंगिक विषय बीच में घुसाए गए हैं | जैसे अगर शाकाहार के लाभ बताये जा रहे हैं और बीच में मांसाहार के फायदे की बात अगर चल पड़े और फिर वापस शाकाहार के लाभ आ जाएँ तो मतलब वो मिलावट है
4. जो घटना या कार्य कारण सहित ना बतायी गयी हो उसे मिलावट समझें |
5. माया / जादू /अव्यवहारिक / अप्राकृतिक बातों को मिलावट समझे | जैसे - जो पात्र अगर 9 लाख साल पुरानी रामायण में है और 5100 साल पुरानी महाभारत में भी आ जाएँ तो ये अव्यवहारिक बात है | सूर्य को मुहं में ले लेना, पसीने से संतान का पैदा होना ये अव्यवहारिक और अप्राकृतिक ही हैं |
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